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					वही उम्र का एक पल कोई लाएतडृपती हुई-सी गजल कोई लाए
 
 हकीकत को लाए तखैयुल से बाहर
 मेरी मुश्किलों का जो हल कोई लाए
 
 कहीं सर्द खूँ में तड़पती है बिजली
 जमाने का रद्दो-बदल कोई लाए
 
 उसी कम-निगाही को फिर सौंपता हूँ
 मेरी जान का क्या बदल कोई लाए
 
 दुबारा हमें होश आए न आए
 इशारों का मौका-महल कोई लाए
 
 नजर तेरी दस्तूरे-फिरदौस लायी
 मेरी जिंदगी में अमल कोई लाए
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