सूना-सूना पथ है, उदास झरना एक धुँधली बादल-रेखा पर टिका हुआ आसमान जहाँ वह काली युवती हँसी थी।
(1939)
हिंदी समय में शमशेर बहादुर सिंह की रचनाएँ
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