इतना कुछ था दुनिया में लड़ने झगड़ने को पर ऐसा मन मिला कि जरा-से प्यार में डूबा रहा और जीवन बीत गया
हिंदी समय में कुँवर नारायण की रचनाएँ
अनुवाद
कविताएँ