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कविता

इतना कुछ था

कुँवर नारायण


इतना कुछ था दुनिया में
लड़ने झगड़ने को
पर ऐसा मन मिला
कि जरा-से प्यार में डूबा रहा
और जीवन बीत गया

 


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हिंदी समय में कुँवर नारायण की रचनाएँ



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