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					वह किसी उम्मीद से मेरी ओर मुड़ा था 
					लेकिन घबरा कर वह नहीं मैं उस पर भूँक पड़ा था । 
					 
					ज्यादातर कुत्ते 
					पागल नहीं होते 
					न ज्यादातर जानवर 
					हमलावर 
					ज्यादातर आदमी 
					डाकू नहीं होते 
					न ज्यादातर जेबों में चाकू 
					 
					खतरनाक तो दो चार ही होते लाखों में 
					लेकिन उनका आतंक चौंकता रहता हमारी आँखों में। 
					 
					मैंने जिसे पागल समझ कर 
					दुतकार दिया था 
					वह मेरे बच्चे को ढूँढ़ रहा था 
					जिसने उसे प्यार दिया था। 
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