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फैसला हो चुका है। मैंने छोड़ दिये हैं
कभी न वापिस आने के लिए अपने खेत।
अपनी हलकी पत्तियों के संग
फड़फड़ायेंगे नहीं पॉपलर मेरे ऊपर।
झुक जायेगा नीचे मेरे बिना हमारा छोटा-सा घर
बूढ़ा कुत्ता तो दम तोड़ चुका है पहले ही।
सजा सुनाई है ईश्वर ने -
मैं मरूँगा मास्को की टेढ़ी-मेढ़ी सड़कों पर कहीं।
अच्छा लगता है मुझे यह शहर
भले ही कुछ थुलथुला जराजीर्ण है वह,
सुनहरा निद्रालु मेरा एशिया
सो रहा है गुम्बदों पर।
रात में जब चमकता है चंद्रमा
चमकता है भगवान जाने किस तरह!
मैं चल देता हूँ सिर लटकाये
गली के परिचित मदिरालय में।
बिना रुके शोर रहता है चलता रहता है वहाँ
सारी-सारी रात, सुबह तक,
वेश्याओं को मैं सुनाता हूँ कविताएँ
और डाकुओं के साथ पीता हूँ शराब।
और तेजी से धड़कता है हृदय
बेतुकी निकलती है बातें मेरे मुँह से :
'मैं भी हूँ निकम्मा तुम्हारी तरह बेकार
मुझे नहीं जाना है वापिस अब कहीं।'
झुक जायेगा मेरे बिना हमारा छोटा-सा घर,
बूढ़ा कुत्ता तो दम तोड़ चुका है पहले ही।
ईश्वर ने सजा सुनाई है -
मैं मरूँगा मास्को की टेढ़ी-मेढ़ी सड़को पर कहीं।
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