hindisamay head


अ+ अ-

कविता

शिकवा-ए-ग़म तेरे हुज़ूर किया

हसरत मोहानी


शिकवए-ग़म तेरे हुज़ूर किया
हमने बेशक बड़ा क़ुसूर किया

दर्दे-दिल को तेरी तमन्ना ने
ख़ूब सरमायाए-सरूर किया

नाज़े-ख़ूबाँ 1 ने आ़शिक़ों के सिवा
आ़रिफ़ों 2 को भी नासबूर 3 किया

यह भी इक छेड़ है कि क़ुदरत ने
तुमको ख़ुद-बीं 4 हमें ग़यूर 5 किया

नूरे-अर्ज़ो-समा 6 को नाज़ है यह
कि तेरी शक्ल में ज़हूर 7 किया

आपने क्या किया कि 'हसरत' से-
न मिले, हुस्न का ग़रूर किया.

 

  1. सुन्दरियों के गर्व
  2. ज्ञानियों
  3. बेचैन
  4. घमण्डी
  5. आत्म-सम्मानपूर्ण
  6. पृथ्वी और आकाश का प्रकाश
  7. प्रकट होना

End Text   End Text    End Text