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कविता

चिड़ियाँ रे

बद्रीनारायण


चिड़ियाँ रे!
चिड़ियाँ होने का अर्थ फाड़ दो
मछली रे मछली होने का अर्थ काट दो
लड़की चिंदी चिंदी कर दो
लड़की होने के अर्थ को

बकुल के फूल, बकुल के फूल होने के अर्थ को
अपने से थोड़ा अलग करो,
और कमल के फूल की रूप छवियों में
नाभियों अपने लिए जगह माँगो,

पृथ्वी के नीचे फैली जड़ों,
पेड़ों के बिंब में अपने प्रति होने वाले
अन्याय के खिलाफ रख दो माँग पत्र
पत्तियों! उठो और कहो
कि फूल के बनाने में तुम भी शामिल हो

सभ्यताओं के तत्वों सब मिलकर
सभ्यताओं का अर्थ ही बदल डालो,
रागों में पूरबी राग,
अपने लिए शास्त्रीय संगीत में जगह माँगो
और फूट नोटो, तुमसे मैं कहते कहते थक गया,
कि उठो और धीरे धीरे पहुँच जाओ
लेखों के बीच मे।

 


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