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					प्रिय अरुण गोविल / दीपिका चिखलियामैं प्रशंसक हूँ दोनों के अभिनय का
 जो निभाया
 धारावाहिक रामायण में
 राम सीता बनकर
 *
 पर परेशान भी हूँ
 अब सपने में राम नजर नहीं आते
 न सीता मैया नजर आती
 जब मूँदता हूँ आँखें
 तुम दोनों ही नजर आते हो
 राम सीता बनकर
 *
 मैं पहले बुरी तरह छला गया हूँ
 राम छीना गया मुझसे
 मेरा राम सौम्य था
 मर्यादा पुरुषोत्तम
 चित्रों में एक और माता जानकी
 भाई लक्ष्मण
 चरणों में हनुमान
 कभी हनुमान के सीने में राम सीता
 फिर मुलगाँवकर के केलेंडर आये
 घर घर में छाये
 भगवानों के चित्र बने सेक्सी
 देवी देवताओं ने शालीन वस्त्र छोड़े
 चटख नायलोन के झीने पहने
 *
 फिर रचे गये एक और राम
 हाथ में धनुष
 आक्रामक मुद्रा में कूच करते
 जनमानस में रोपे गये
 गली चौराहों
 कटआउट लगे
 बाहर सब राममय हो गया
 अंदर के राम निकल गये
 *
 अब याद करूँ
 किस छवि के राम
 मुझसे छीना गया है मेरा राम
 छला गया है / छला जा रहा
 सबको राम का वास्ता
 राम के लिये
 राम न छीनो
 लौटा सको तो लौटा दो
 मेरा राम
 मर्यादा पुरुषोत्तम
 करुणामय राम
 हे राम
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