तुम्हें देखना मेरा पेड़ हो जाना है तुम्हें सुनना नदी होना तुम्हारा स्पर्श मुझमें फसल का पकना है तुम्हारा देखना मेरा आसमान हो जाना है।
हिंदी समय में रेखा चमोली की रचनाएँ