कविता
फुर्सत रेखा चमोली
दाल में नमक जितनी घर में आँगन जितनी सन्नाटे में सरगम जैसी सुंदरता में विनम्रता जैसी मुझे तुम्हारी थोड़ी सी फुर्सत चाहिए।
हिंदी समय में रेखा चमोली की रचनाएँ