hindisamay head


अ+ अ-

कविता

विलुप्त हो रहे प्राणी

आंद्रेइ वोज्नेसेन्‍स्‍की


विलुप्‍त हो रहे सभी प्राणियों का विवरण
लिख दिया गया है मेरी श्‍वेत पुस्तिका में।
चिंताजनक हैं ये कुछ लक्षण
कि पहले तो वर्ष भर के लिए
फिर सदा-सदा के लिए लुप्‍त हो जाते हैं कुछ प्राणी,
क्‍या छिपाऊँ तुम भी हो
ऐसे प्राणियों में एक।

कैसे बचाऊँ मैं तुम्‍हें अपने ही अत्‍याचारों से
तुम न गिलहरी हो न ही अबाबील।

न जाने कहाँ खो जाते हैं रात में
तुम्‍हारे नर्म हाथ, तुम्‍हारी गर्दन
बचा रहता है सिर्फ तुम्‍हारा सफेद ब्‍लाउज।

निशाना न बनाओ अपने आक्रमण का
इस फड़फड़ाती श्‍वेत पुस्तिका को।
मेरी अज्ञान भरी ये पुस्‍तकें
तुम्‍हारे लिए आरंभिक मसौदा ही सही।

कुछ भी हो
मेरी इस विवेकहीन, मस्तिष्‍कविहीन प्रिय नीका को
बचाने रखना
जीवित अक्षर!

 


End Text   End Text    End Text