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काली कोट में लाल गुलाब,
चाचा तुमको करते याद,
बाल दिवस हम संग मनाएँ,
बस इतनी सुन लो फरियाद।
बचपन क्यों अब रूठा रहता,
हर बच्चा क्यों रोता रहता,
आओ चाचा नेहरू आओ,
सारे जहाँ को तुम बतलाओ।
खेल खिलौने साथ छीन कर,
क्यूँ सब हमें रुलाते हैं,
भारी बस्तों और किताबों,
में हमको उलझाते हैं।
क्या हमने कुछ गलत किया है,
जिसकी हमको सजा मिली है,
प्यारे थे सब बच्चे तुमको,
सुन लो इनकी ये फरियाद।
आओ चाचा नेहरू आओ,
जन्म दिवस हम संग मनाओ।
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