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बहुत खूबसूरत है पृथ्वी ! पर महाद्वीप'''
आकारहीन ढेले
एक दूसरे से अलग पड़े हुए ! बीच में महासागर।
इसलिए कि किसी को साहसी कहलाने का अवसर मिल सके
महासागरों को चीरकर पुल का निर्माण करे
जो सिर्फ नक्शे में ही दिखे,
और उसके ऊपर से चीटियों की तरह योद्धा गुजरें
जो ढँक दें पृथ्वी को रक्त से
जो दिखता नहीं है ग्लोब पर।
और वहाँ थलसंधि पर
जहाँ एक सतह से दूसरी सतह में चला जाता है महाद्वीप
वहाँ जमघट लगा है लोगों का
जो जल्दी-से-जल्दी यहाँ से वहाँ जाना चाहते हैं।
लगा है उन लोगों का जमघट
जो उन्हें कहीं जाने नहीं देता
और लड़ रहे हैं यहाँ से वहाँ जाने से रोकने के
अधिकार के लिए
और इन और उन लोगों को लूटने के लिए।
समुद्र से जहाज आ रहे हैं
जिनसे पास ढूँढ़ने को कुछ नया नहीं है -
सीमित हैं संख्या उन चीजों की जिन्हें वे चुन सकते हैं,
जैसे बाधा पहुँचाना यहाँ से वहाँ जाने वालों के लिए,
तंग करना उन लोगों को जो इन्हें बाधा पहुँचा रहे हैं।
नहरें बन रही हैं। खोज में लगे हैं जहाज।
और महाद्वीप
आकारहीन ढेले एक दूसरे से अलग पड़े हुए,
और सारे समुद्र
पृथ्वी की आकारहीनता की अनुकृतियाँ।
और पानी -
खूबसूरत है एक घूँट में,
और मिट्टी -
एक मुठ्ठी में।
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