आओ, छुपा-छुपी खेलें।
मेरे हृदय में छिपोगे तो तुम्हें ढूँढ़ना मुश्किल नहीं होगा।
लेकिन यदि तुम अपने-आप में जा छुपे तो किसी के भी लिए तुम्हें ढूँढ़ पाना असंभव होगा।
हिंदी समय में खलील जिब्रान की रचनाएँ