अगर कविता लिखने की ताकत और अनलिखी कविता के रोमांच के बीच किसी एक को चुनने की छूट दी जाय तो नि:संदेह मैं रोमांच को ही चुनूँगा। यही बेहतर है।
लेकिन आप और मेरे सभी जानकार इस बात से सहमत होंगे कि मैं हमेशा गलत ही चुनता आया हूँ।
हिंदी समय में खलील जिब्रान की रचनाएँ