खंडित प्रतिमाओं को कब तक पूजोगे कब तक उनके संपूर्ण होने का भ्रम पालोगे खंडित विश्वासों को कब तक चिपकाओगे फेविकोल से
हिंदी समय में कलावंती की रचनाएँ