अभिनंदन प्रिय वसंत अभिनंदन बौर भरी डाल, हरी अ म रा ई अब निखरी सुरभि-स्नात पावन तन पावन मन पिक पंचम में थम थम कूजन रात यथा नियम रवि आतप का प्रति दल पर नर्तन
हिंदी समय में त्रिलोचन की रचनाएँ