चुटकी भर मिट्टी चोंच भर पानी चिलम भर आग दम भर हवा पूँजी है यह खाने और लेकर परदेश जाने के लिए।
हिंदी समय में विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की रचनाएँ