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कविता

न्याय

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी


जुर्म साबित नहीं हुआ
यह सबसे बड़ा जुर्म है

न्यायाधीश बार-बार चश्मा लगाता
बार-बार पन्ने पलटता
बार-बार मेज ठोंकता

न्याय अंधा होता है
न्याय बहरा होता है
न्याय हृदयहीन होता है

न्याय का अर्थ होता है राज्यादेश
अर्थात राज्यादेश का अर्थ होता है न्याय

न्यायाधीश बुदबुदाता है।

 


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हिंदी समय में विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की रचनाएँ