अभी-अभी माँ के गर्भ से धरती पर आया है ताजा-ताजा बच्चा गुंधे हुए आटे के लोंदे-सा नरम और लाचार तवे पर रोटी-सा सिंकने के लिए तैयार
हिंदी समय में विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की रचनाएँ