कविता
झूठ - 6 दिव्या माथुर
सच को न चाहिए ओढ़नी न बिछौना झूठ ढ़ूँढ़ता है काली चादर और छिपने को अँधेरा कोना
हिंदी समय में दिव्या माथुर की रचनाएँ