कविता
झूठ - 7 दिव्या माथुर
खामोश हूँ कि झूठ सिर चढ़ बोलता है यह अर्थ कतई नहीं कि मेरे मुँह में जबान नहीं
हिंदी समय में दिव्या माथुर की रचनाएँ