मिट्टी पड़े तुम्हारे पहले प्यार पर' कहा था अम्मा ने एक बार दुखी होकर और ब्याह दिया था मुझे विदेश पर न तो समय न ही दूरी कर पाये धूमिल रंग रूप गंध सभी तो ताज़ा हैं मिट्टी पड़े मेरे पहले प्यार पर।
हिंदी समय में दिव्या माथुर की रचनाएँ