कल का जब बँटवारा होगा आधे की तुम माँग करोगे भोगा था न भोग्य बनोगे कल संपूर्ण तुम्हारा था संपूर्ण क्या तुम कल मुझको दोगे?
हिंदी समय में दिव्या माथुर की रचनाएँ