वे डरते हैं किस चीज से डरते हैं वे तमाम धन-दौलत गोला-बारूद पुलिस-फौज के बावजूद ? वे डरते हैं कि एक दिन निहत्थे और गरीब लोग उनसे डरना बंद कर देंगे
हिंदी समय में गोरख पांडेय की रचनाएँ