गरीब के छत-ऊपर अमीर का बचपन गरीब नहीं जानता है खाने का स्वाद वह सिर्फ जानता है - भूख का स्वाद सुख की अँगड़ाई नहीं ऐंठन का दर्द
हिंदी समय में सुरजन परोही की रचनाएँ