भूगर्भी-बीज गगनचारी। ओस-अमृत जीवनदायी पवन-स्पर्श वसंत-अहसास सूर्य-ताप कि जैसे-स्वर्ण-ताप बीज के वृक्ष की शक्ति ताप-उत्ताप-जमीन और आकाश लेकिन संताप नहीं
हिंदी समय में सुरजन परोही की रचनाएँ