तराजू के एक और सामान दूसरी ओर तौल वजन बराबर पर दाम समान नहीं बराबर होते हुए बराबरी करने लायक नहीं बराबर होना और बराबर दिखना बराबरी का एक छल है छल प्रायः मन के कोलाहल का कारण है
हिंदी समय में सुरजन परोही की रचनाएँ