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कविता

सालगिरह मुबारक

सुरजन परोही


बार बार जनम दिन आता रहे
जीवन भर गाता रहे, मुस्कुराता रहे

तुम पर बरसे अमृत की धारा
सपनों में दुख ना आए
खुशियाँ तेरी झोली भरें
बहारें फूल बरसाएँ
सूरज की तरह तू सबको जगाता रहे

आज के दिन नाचो गाओ
हजारों साल की उमरिया लागे
सालगिरह मुबारक हो
प्रभु से यही आशीष माँगे
सुख तू जीवन भर पाता रहे

चाँद सितारों की तरह
हमेशा तू चमकता रहे
सारे जहाँ से प्रेम हो
खुशबू की तरह महकता रहे
पवन तुम्हें सरगम सुनाती रहे

 


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