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					तुम अपनी घड़ी वाश बेसिन पर छोड़ आए थे 
					दो बसंत ऋतुओं तक ये गुसलखाने में टिकटिक करती रही 
					बैटरी खत्म होने तक और हाथ अपने आप थम गए 
					उस संतृप्त दुपहरी के क्षणों में, यहाँ 
					बहुत तेज रोशनी है। इस रोशनी में 
					सफेद कप परित्यक्त लग रहा है 
					पेंदे में सूखी काफी के दाग लिए हुए 
					एक कुत्ता सीढ़ियों पर भौंक रहा है 
					नन्हा पिल्ला है, चूहे सी दुम वाला 
					रोओ मत। माँ जल्दी घर आएगी 
					वह ऊपर शोरगुल वाली सीढ़ियों पर चढ़ती आती है, 
					दरवाजा खोलती है, रोओ मत। 
					अब रिरियाना बंद हो गया, फिर से बाते सुनाई देने लगीं 
					क्या अपना मुँह क्षण भर को भी बंद नहीं कर सकते। 
					कृपया बंद करो। 
					मैं तुम्हारे लिए रात भर जगती हूँ। 
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