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कविता

वीकएंड की मौज मस्ती

माया एंजेलो

अनुवाद - सरिता शर्मा


कुछ नकलची लोगों को
सच पता नहीं है,
दिखावे के लिए ड्रेस पहनते हैं
तरह तरह के नाटक करते हैं,
अकड़ कर चलते हैं।

महँगे घरों में रहते हैं
उनकी हैसियत से बढ़कर हैं जो,
अपनी आत्मा को गिरवी रख देते हैं
पास के बैंकों में।
बड़ी कारें खरीदते हैं
औकात से बाहर की,
शहर के चक्कर लगाते हैं उनमें
ऊबे होने का स्वाँग करते हुए।
अगर वे सीखना चाहें जीवन सलीके से कैसे जीएँ
शनिवार की रात मेरे जीवन को देखें।

कारखाने में मेरा काम
बहुत बड़ी चीज नहीं,
पर मैं अपने बिल चुकाती हूँ
और कर्ज से मुक्त रहती हूँ।
बालों का स्टाइल बनवाती हूँ
अपनी खुशी के लिए,
इसलिए मुझे न कुछ खरीदने की जरूरत है
और न ही ऐयाशी करने की।

 


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