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कविता

सान्निध्य की सीमा

अन्ना अख्मातोवा

अनुवाद - वरयाम सिंह


धीरे-धीरे पत्ती
धीरे-धीरे फूल
धीरे-धीरे ईश्वर
धीरे-धीरे धूल

धीरे-धीरे लोग
धीरे-धीरे बाग
धीरे-धीरे भूसी
धीरे-धीरे आग

धीरे-धीरे मैं
धीरे-धीरे तुम
धीरे-धीरे वे
धीरे-धीरे हम

 


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हिंदी समय में अन्ना अख्मातोवा की रचनाएँ