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					वह चिल्लाई देखो, देखो, कविताओं वाला आदमी 
					अपनी मासूमियत के कमजोर पुल पर भाग रही थी वह। 
					किस घर में 
					वह जाएगी? किस अपराधबोध में ले जाएगा 
					वह पुल उसको ? मैं 
					जिसे उसने आवाज दी 
					और वह बमुश्किल 12 साल की होगी 
					बीच में मिले, वह जा रही थी 
					अपने रास्ते; मैं लौट रहा था 
					बीच में जहाँ हम मिले 
					वहाँ रुका नहीं जा सकता है। 
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