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सुनो !
गगनचुंबी इमारतोंवाले
झोंपड़ियोंवाले
गली-कुच्चोंवाले
बेघरवाले
सुनो !
आज ऊपर से खबर आई है
मुसाफिर मजदूर मालिक
सुनो सभी
आज सुबह
भूल से भगवान ने
सूरज के स्विच को
पराकाष्ठा पर पहुँचा दिया है
नाविको सुनो
वैज्ञानिको सुनो
वेश्याओ सुनो
पुजारियो सुनो
सूरज आज धधकेगा
ज्वालाएँ प्रचंड होंगी
उस ताप से
सभी कुछ पिघलकर रहेगा
सुनो !
फ्रीज बर्फ के साथ
बह जायेगा
और उसके साथ सुविधाएँ।
आदमी पिघल जायेगा
असुविधाएँ भी बह जायेंगी ।
गलियों के गरीब, धनी
कार, बेकार
सभी तरल हो जायेंगे
नदियाँ बहेंगी
लोहे की, चाँदी की, सोने की
सुनो!
भगवान स्तब्ध है
न खुश है
न उदास है।
यह ताजा खबर है।
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