hindisamay head


अ+ अ-

कविता

अधगले पंजरों पर

अभिमन्यु अनत


भूकंप के बाद ही
धरती के फटने पर
जब दफनायी हुई सारी चीजें
ऊपर को आयेंगी
जब इतिहास के ऊपर से
मिट्टि की परतें धुल जायेंगी
मॉरीशस के उन प्रथम
मजदूरों के
अधगले पंजरों पर के
चाबुक और बाँसों के निशान
ऊपर आ जायेंगे
उस समय
उसके तपिश से
द्वीप की संपत्तियों पर
मालिकों के अंकित नाम
पिघलकर बह जायेंगे
पर जलजला उस भूमि पर
फिर से नहीं आता
जहाँ समय से पहले ही
उसे घसीट लाया जाता है

इसलिए अभी उन कुलियों के

वे अधगले पंजार पंजर
जमीन की गर्द में सुरक्षित रहेंगे
और शहरों की व्यावसायिक संस्कृति के कोलाहल में
मानव का क्रंदन अभी
और कुछ युगों तक
अनसुना रहेगा।
आज का कोई इतिहास नहीं होता
कल का जो था
वह जब्त है तिजोरियों में
और कल का जो इतिहास होगा

अधगले पंजरों पर
सपने उगाने का।

 


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में अभिमन्यु अनत की रचनाएँ