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कविता

इंद्रधनुष का देश

अभिमन्यु अनत


नीले समुद्र का दूधिया किनारा
अमरीकी सैलानी के साथ साँवली वेश्या
मुँह बाए जापानी कैमरा
जींस की जेब में अकुला रहे
हरे-भरे डालर
आगे फैला पीला हाथ भिखारी का
खाली का खाली
चमचमाती सफेद रेत पर पसरे
गेहुँए उरोज / गुलाबी जाँघें
टहल रहे मनचलों की पिपासित आँखें
मछुओं के बच्चों की काली मुसकानें
वाटर-स्की से चिरी छाती लहरों की
उन्हें कराहते छोड़ झागों में
नारंगी क्षितिज से
भाग गया सूरज।

 


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हिंदी समय में अभिमन्यु अनत की रचनाएँ