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कविता कोई पत्ता नही
जिसे सड़कों पर हवा बुहार दे
यह समंदर भी नहीं
जिस पर जहाज लंगर डाल ले
नहीं है यह नीला आसमान
और स्वच्छ वातावरण
कविता दुनिया के
सीने पर गड़ा एक खूँटा है
एक चमकदार चाकू है
जो कस्बों में सीधा घुपा है
एक कविता संताप है
एक चमकदार धातु
बर्फ, एक गहरा घाव
एक कविता कठोर है
पोलिहाइड्रल हीरा
कठोर, गढ़ा हुआ संगमरमर
तेज हवा, एशिया की एक नदी
कविता आवाज नहीं है
चिड़िया की मौत की
यह गोली है
इतिहास के क्षितिज में
कविता कोई कुम्हलाता फूल नहीं
यह संलेपित दर्द है
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