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कविता

अनाबेल ली

अनसतासिस विस्तोनतिस

अनुवाद - रति सक्सेना


तुम्हारी आँखें
पाले और महावृष्टि के साथ
सर्दियों का उतरना हैं
सुनसान कब्रिस्तान अपनी धूल
और अनजाने पदचिह्नों को उतार देते हैं
तारों और फूलों की खूनी बरसात
देह का खून

तुम्हारी आँखें खोखली दीवारें
जिससे कि विदेशी सेना गुजर सके
समंदर के ऊपर से हवा की ठिठुरन

झुर्रियाँ भविष्य में फीकी पड़ जाती हैं
रात खाली कफन में कसमसाती है
रोशनी से भी ज्यादा गहरी
आसमान धरती पर दफन हुआ
तटों की खोखली खोपड़ियाँ
समुद्री शैवाल पर परावर्तन
रोशनी की मोमबत्ती बन गया
भूमिगत धाराएँ और अंधकार

तुम्हारी आँखें
मौत और महामारी से भरपूर

Annabel Lee' is the last complete poem written by American author Edgar Allan Poe. Like many of Poe's poems, it explores the theme of the death of a beautiful woman. The narrator, who fell in love with Annabel Lee when they were young, has a love for her so strong that even angels are envious. He retains his love for her even after her death. There has been debate over who, if anyone, was the inspiration for 'Annabel Lee'. Though many women have been suggested, Poe's wife Virginia Eliza Clemm Poe is one of the more credible candidates. Written in 1849, it was not published until shortly after Poe's death that same year

 


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