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कविता

अपनी साँसों से

मार्तिन हरिदत्त लछमन श्रीनिवासी

अनुवाद - पुष्पिता अवस्थी


यह देश
चूमने के लिए है।
अपनी साँसों से
सबके हृदय को खुश रखता है
तुम्‍हारे शब्‍द
इसकी मिट्टी में है
तुम्‍हें जगाने के लिए
कि भविष्‍य में तुम
और सुंदर लगो

यह देश
चूमने के लिए है
देश के लिए प्‍यार
तुम्‍हारी आँखों में उतर आए
आनंद से स्‍तब्‍ध-सुन्‍न तुम्‍हारे हाथ
सार्थकता के लिए जिएँ
नि: शब्‍दता के साथ ओंठ
गुलाबी और मुलायम हो आए
देश के प्‍यार में

यह देश
मेरा देश है - सूरीनाम
तुम्‍हारे लिए
और हमेशा मेरे लिए
सभी नामों से मीठा
एक प्‍यासा-सा नाम है।

 


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