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तुम्हारा (पासपोर्ट) पारपत्र
ओह -
काले बाल और
काली आँखें
और अन्य विशेषताएँ हैं
दो नाम अलग से हैं सबके
जैसे हथेली में रेखाएँ
जीवन-भर आप्रवासी का दु:ख
पूछते हैं अजनबी
कहाँ रहने जा रहे हो
मैं कहता हूँ
श्रीमान क्या यहाँ रहने की जगह नहीं है
क्या तकिया के लिए छोड़ दूँ
या जलने दूँ सबकुछ
क्या यही चाहता हूँ
इससे अच्छा और
क्या मिल सकेगा
कितने दिन यहाँ रहोगे ?
मैं जवाब देता हूँ -
वर्ष जब नाप तौलकर मेरे
समय को भर देगा।
तुम्हारे पास कोई धन है क्या ?
खोजती जुबान में उसने पूछा -
मैंने कहा -
नहीं, श्रीमान
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