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रात में एक भी सितारा नहीं बचेगा
रात तक नहीं बचेगी
मैं मरूँगा और मेरे साथ खत्म होगा
असहनीय ब्रह्मांड का सारांश
मैं मिटा दूँगा पिरामिड, सिक्के,
महाद्वीप और तमाम चेहरे
संचित अतीत को मिटा दूँगा
मिट्टी में मिला दूँगा इतिहास को,
मिट्टी को मिट्टी में
अब मैं देख रहा हूँ आखिरी सूर्यास्त
सुन रहा हूँ अंतिम पक्षी को
किसी को कुछ भी नहीं दूँगा मैं वसीयत में
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