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					मैं अपनी विरासत जलाकर कहता हूँ :"मेरी भूमि अक्षत है, और मेरी जवानी में कोई कब्र नहीं है"
 मैं उठ जाता हूँ भगवान और शैतान दोनों से ऊपर
 (मेरा मार्ग भगवान और शैतान के रास्तों को लाँघ जाता है)
 अपनी किताब में उसके पार चला जाता हूँ
 दैदीप्यमान वज्र की शोभायात्रा में,
 सब्ज वज्र की शोभायात्रा में,
 पाप की भाषा को खत्म करते हुए
 चिल्लाते हुए :
 "मेरे बाद न कोई स्वर्ग होगा, न स्वर्ग से निष्कासन"
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