ये सभी भाषाएँ, ये टुकड़े, खमीर हैं भावी शहरों के लिए संज्ञा, क्रिया, अक्षर का ढाँचा बदल दो; कह दो : कोई पर्दा नहीं है हमारे बीच न कोई बाँध और खुश करो अपने दिलों को फातिहों से इच्छा की मदिरा से और उनके बंद आसमानों के उत्साह से
हिंदी समय में अडोनिस की रचनाएँ