16 नवम्बर, 1962
श्री स.ही.वात्स्यायन,
कैलिफोर्निया, यू.एस.ए.
प्रिय महोदय,
आपका दिनांक 9-11-62 का पत्र मिला। धन्यवाद। शीघ्र ही आपका प्रस्ताव अधिकारियों के सम्मुख विचारार्थ रखा जाएगा और निर्णय की सूचना यथा समय दी जाएगी।
‘नदी के द्वीप’ के अनुवाद के सम्बन्ध में जो अनुबन्ध पत्र हमने आपके पास भेजा था उसके सम्बन्ध में आपने अपने पत्र में कुछ भी नहीं लिखा है। क्या वह रजिस्ट्री अब तक आपको नहीं मिली? इस सिलसिले में, नन्दन जी से सूचना मिलने पर, हमने 14 नवम्बर को एक और पत्र आपको भेजा है। आशा है अनुबन्ध पत्र पर हस्ताक्षर कर शीघ्र ही उसे लौटाने की कृपा करेंगे।
भवदीय
विश्वंभर श्रीवास्तव
कृते धर्मवीर भारती
संपादक, पुस्तक योजना
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