मैं बिलकुल तुम्हारी तरह चुन सकती हूँ कि मुझे पीड़ित होना हैं नहीं गर तुमने चुन ही लिया है तो तुम्हारे पास पूछने को कुछ सवाल जरूर होंगे और तुमसे पूछने के लिए औरों के पास होंगे तुमसे कहीं अधिक
हिंदी समय में त्रिन सूमेत्स की रचनाएँ