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	आजकल क्या लिख रहे हो ? 
	एक जॉर्डन कवि ने पूछा था 
	'प्रेम के विषय में' मैंने जवाब दिया 
	आखिरकार प्रेम के अलावा दुनिया में 
	कुछ और है भी तो नहीं 
	'वे' मुझसे सहमत थे 
	सच कुछ भी नहीं है प्रेम के अलावा 
	फिर उन्होंने अपनी कविता पढ़ी, अरबी में 
	उनके गालों पर आँसू बह रहे थे 
	संवेदनशील, मैंने सोचा 
	फिर वही कविता मुझे अंग्रेजी में सुनाई 
	जो उनके उस परिवार के बारे में थी 
	जिसे खत्म कर दिया गया, उनकी ही आँखों के सामने 
	उनकी माँ, पिता भाई और पत्नी 
	और सच 
	उस कविता में भी कुछ नहीं था 
	प्रेम के सिवा  | 
		 
	
 
      
      
                  
      
      
       
      
     
      
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