अ+ अ-
|
बस स्टैंड पर खड़ी है
बस का इंतजार करते हुए एक औरत
वह बार बार देखती है घड़ी
जिसमें सरक रहा है समय
उसे घर पहुँचने की जल्दी है
औरत की गोद में एक बच्चा है
किलकारी मार कर हँसता हुआ
अपनी माँ की बचैनी से बेखबर
भीड़ और शोर के बीच खड़ी हुई औरत
सड़क पर देखती हुई हर आहट पर
चौकन्नी है
देर हो जाती है
औरत के चेहरे पर आ जाता है तनाव
वह चारों ओर देखते खोजते इंतजार
करते ऊब गई है
वह सब कुछ देखती है लेकिन
देख नही पाती अपने हँसते हुए बच्चे को
|
|