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					धरती पर उसके आगमन की अनुगूँज थीवयस्क संसार में बच्चे की आहट से
 उठ बैठा कब का सोया बच्चा
 और अब वहाँ एक गेंद थी
 एक ऊँट थोडा सा उट - प- टाँग
 बाघ भी अपने अरूप पर मुस्कराए बिना न रह सका
 
 पहले खिलोने की खुशी में
 धरती गेंद की तरह हल्की होकर लद गई
 हड़प्पा और मोहनजोदड़ो से मिले मिट्टी की गाड़ी पर
 
 जिसे तब से खींचे ले जा रहा है वह शिशु
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