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					तुम्हारी देह से छूटा हुआ पहला बच्चारो रहा था तुम्हारी देह के किनारे
 और तुम्हारी छाती से दूध छूट नहीं रहा था
 तुम हार गईं, माँ भी और दादी
 और तुम्हें घेर कर खड़ी थीं टोले की औरतें
 जिनकी साड़ियों के कोर गीले थे
 मुझे बुलाया गया
 सब हट गईं एक एक कर
 और माँ ने कहा तुम इसका थन
 मुँह से लेकर खींचो
 और माँ भी बाहर हो गई
 खड़ा रहा मैं जैसे हत्या लगी हो
 
 तुमने हुक खोले और
 गाय की बड़ी-बड़ी आँखों से मुझे देखा
 मैं काँप गया
 दोनों स्तन इतने कठोर कैंता के फल से
 और बच्चा रो रहा था एक ओर
 
 नहीं कह सकता वह सुख था या शोक
 मैं तुम्हारा देवर तुम्हारा पति या पुत्र
 मैंने कंठ में रोक लिया था वह दूध
 
 हम अलग हो चुके हैं अब
 अलग-अलग चूल्हे हैं हमारे
 और अलग-अलग जीवन
 वह बच्चा भी अब सयाना है
 और तुम भी ढल गई हो
 फिर भी मैं कह नहीं सकता
 यह कैसा संबंध है
 मैं तुम्हारा देवर तुम्हारा पति तुम्हारा पुत्र?
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