सेहत और समझ में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है आजकल जैसे ही मैं देखता हूँ कि कोई शख्स तौलिया हिला रहा है सड़क पर तो मैं जल्द ही समझ जाता हूँ कि पड़ोसन भागने वाली है किसी के साथ और घर में पकेगी खीर आज नहीं तो कल
हिंदी समय में राजकुमार कुंभज की रचनाएँ